काठमांडू: शनिवार को लालकिला के प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में नेबरहुड फर्स्ट नीति को विस्तारित करने के संकेत जारी किए उसी दिन 2 पड़ोसी मुल्कों ने हाल के दिनों में रिश्तों में आई असहजता को दूर करने की प्रयास कर रहे है. एक तरफ तो नेपाल के प्रधानमंत्री KP शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री मोदी को टेलीफोन पर आजादी की वर्षगांठ की बधाई दी, तो दूसरी तरफ बांग्लादेश के राजदूत मोहम्मद इमरान ने हिंदुस्तान के साथ रिश्तों को नई ऊंचाई देने का पूरी श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया.
मिली जानकारी के अनुसार नेपाल ने जब से अपना नया राजनीतिक मानचित्र बदल कर हिंदुस्तान के 3 भागों पर अपना दावा पेश कर दिया है जिसके उपरांत यह दोनो देशों के बीच सबसे उच्चस्तरीय बातचीत है. वहीं, CAA जैसे मुद्दों पर भारत के साथ असहमति जाहिर कर चुके बांग्लादेश का संकेत साफ है कि वह आगे बढ़ने को तैयार है. आजादी के 74वें वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बताया कि दूरस्थ पड़ोसी देशों के साथ हम अपने हजारों वर्ष पुराने सांस्कृतिक, समाजिक व आíथक रिश्ते को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं...आज पड़ोसी सिर्फ वहीं नहीं है, इसके साथ भौगोलिक सीमाएं जुड़ी हुई हो, बल्कि वो भी हैं जिनसे दिल मिले हुए हों.
हाल के वर्षों में हिंदुस्तान ने विस्तारित पड़ोस के सभी देशों के साथ भी रिश्तों को प्रगाढ़ किया है. प्रधानमंत्री ने खाड़ी क्षेत्र के पश्चिमी एशियाई देशों के रिश्तों का जिक्र करते हुए बताया कि इनके साथ विश्वास बहुत ही बढ़ता जा रहा है. इन देशों के साथ हमारा आर्थिक रिश्ता खास तौर पर ऊर्जा सेक्टर में बहुत अहम् है. बड़ी मात्रा में हिंदुस्तान वहां कार्य करते हैं. जिस तरह से इन देशों ने कोविड-19 के दौर में भारतीयों की सहायता पहुंचाई है और भारत सरकार के आग्रह को स्वीकार किया है उसके लिए हम उनके आभारी हैं.
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