नई दिल्ली: डाक विभाग अपने कर्मचारियों एवं ग्रामीण डाक सेवक की सेवा काल में कोरोना संक्रमण से मौत होने पर उनके आश्रितों को दस लाख रूपये प्रदान करेगा। पूरे बिहार में लगभग 250 डाक कर्मचारी कोरोना वायरस से पीड़ित हैं और तीन कर्मचारियों की जान भी जा चुकी है। बता दें कि कोरोना लॉकडाउन में भी डाक विभाग के जरुरी सेवाओं को यथावत रखा गया है। डाक विभाग भी जरुरी सेवा की श्रेणी में आता है और इस मुश्किल परिस्थिति में सभी डाककर्मी कोरोना योद्धा बनकर लोगों की सेवा में लगे हुए हैं।
दुर्भाग्यवश कोरोना महामारी की रफ़्तार में दिन–प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। संक्रमण के इस दौर में अब डाक कर्मचारी भी अपने कार्य के दौरान वायरस की चपेट में आने लगे हैं। संक्रमित डाक कर्मियों को क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। डाक विभाग ने डाक कर्मियों के कल्याण हेतु जरुरी कदम उठाया है। अगर किसी विभागीय डाक कर्मचारी या ग्रामीण डाक सेवक की मौत ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से होती है, तो संचार मंत्रालय, डाक विभाग द्वारा घोषित 10 लाख रुपये की सहायता राशि संबंधित कर्मचारी के परिजनों को जल्द दी जाएगी।
इसके साथ ही कोरोना संक्रमित डाक कर्मचारी के लिए CGHS के माध्यम से मुफ्त उपचार का भी प्रावधान है। कर्मचारी किसी भी प्राइवेट अस्पताल में जो CGHS से स्वीकृत है, उपचार करवा सकते है। ग्रामीण डाक सेवक के लिए डाक विभाग ने कोरोना पीड़ित ग्रामीण डाक सेवक को 20 हजार की सहायता राशि सर्किल वेलफेयर फण्ड से दिया जा रहा है। इसके साथ ही यदि डाक कर्मचारी की मृत्यु सेवा काल में होती है तो उनके आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी भी प्रदान की जाएगी।
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