वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियानों में सेवा देते हुए पिछले साल अपनी जान कुर्बान करने वाले पांच भारतीय शांति रक्षकों को यूएन के मरणोपरांत प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित किया जाने वाल है. सम्मानित होने वालों में पांच भारतीय शांति रक्षकों के अलावा 83 सैन्य, पुलिस और असैन्य कर्मियों को भी इस हफ्ते सम्मानित किया जा सकता है.
जंहा इस बात का पता चला है कि दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा देने वाले मेजर रवि इंदर सिंह संधू और सर्जेंट लाल मनोत्रा तारसेम, लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल में सार्जेंट रमेश सिंह, यूएन डिसइंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स में काम करने वाले पी. जॉनसन बेक और कांगो में यूएन मिशन में काम करने वाले एडवर्ड ए. पिंटो को 29 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस पर मरणोपरांत ‘दैग हैमरस्कोल्द पदक’ से सम्मानित किया जा सकता है. इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव 1948 के बाद अपनी जान गंवाने वाले सभी शांति रक्षकों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद वह एक समारोह की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें 2019 में ड्यूटी करते हुए अपनी जान गंवाने वाले 83 सैन्य, पुलिस और असैन्य शांति रक्षकों को मरणोपरांत प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित किया जाएगा.
इस साल चुनौतियां ज्यादा: जानकारी के लिए हम बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इस साल शांति रक्षकों की चुनौतियां और खतरे पहले के मुकाबले कहीं अधिक हैं, क्योंकि न केवल वे कोविड-19 वैश्विक महामारी का सामना कर रहे हैं बल्कि ,अपनी तैनाती वाले देशों में लोगों की रक्षा भी कर रहे हैं. संघ ने कहा कि कोविड-19 के खतरे के बावजूद वे पूरी क्षमता के साथ अपना अभियान चलाए हुए हैं और सरकारों और स्थानीय आबादी का सहयोग कर रहे हैं.
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