नई दिल्ली : आज के युग मे सोशल मीडिया का सागर इतना फैल चुका है कि जिस के पास भी इंटरनेट हो उसके पास कुछ और रहे न रहे लेकिन दो-चार सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर अकाउंट तो रहते ही है। और भारत मे तो सोशल मीडिया के साथ-साथ उसपर ज्ञान बांटने वाले भी बहुत बढ़ रहे है। हमे आए दिन ऐसे कई मैसेज पढ़ने को मिल जाते है जिनमे बताई जानकारियों पर विश्वास करना मुश्किल होता है। लेकिन अगर आपको भी ऐसे मैसेज भेजने या फारवर्ड करने की आदत है तो उसे तुरंत छोड़ दीजिये। और भूल कर भी ऐसी बात फेसबुक या ट्विटर पर न लिखिएगा जिसमे किसी कंपनी या किसी प्रॉडक्ट के बारे मे झूठी जानकारी हो जैसे कि 'कुरकुरे' में प्लास्टिक होता है या कैटबेरी मे कीड़े होते है।
दरअसल पेप्सी कंपनी ने इस बारे में अपने तेवर कड़े कर लिए हैं और अब ऐसी पोस्ट करने वाले लोगों को कानूनी नोटिस भेजे जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर के एकाउंट डिटेल दिल्ली हाई कोर्ट में कानूनी कार्रवाई के लिए दिए गए हैं। दरअसल पेप्सी कंपनी ने फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे सोशल साइट्स के खिलाफ एक सिविल सूट फाइल किया है। पेप्सिको इंडिया ने सोशल मीडिया कंपनियों से 2.1 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। कंपनी का कहना है कि इन साइट्स ने कुरकुरे ब्रांड के खिलाफ अपमानजनक और गुमराह करने वाली सामग्री को फैलाने की इजाजत दी।
जानकारी मिली है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद फेसबुक और ट्विटर ने ऐसे पोस्ट करने वाले यूजर्स की पहचान करनी शुरू कर दी और उन्हें मैसेज भेजकर बताया जा रहा है कि उनके एकाउंट की डिटेल सिविल सूट के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में जमा कराई गई है। पेप्सी कंपनी का कहना है कि सोशल मीडिया में पोस्ट और वीडिया को जरिए ऐसे झूठे दावे किए गए हैं कि स्नैक्स में ज्वलनशील प्लास्टिक है और लोगों के लिए हानिकारक है। इसके साथ ही कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर ऐसी सभी पोस्ट को डिलीट करने का आदेश भी दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.
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