अलीगढ़: पिछले साल की तुलना में बोआई करते समय भाव खाते आलू से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में किसान अपने ही जाल में फंस गया है. दीवाली पर आलू के दामों में प्रति पैकेट (50 किलो) 200 रुपये की गिरावट आई है, गिरावट लगातार बनी रही तो छोटा आलू (बरूले व बीज वाला) फेंकने की नौबत भी आ सकती है. अलीगढ़ जिले में 27 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती होती है, इसमें छह से सात लाख मीट्रिक टन आलू पैदा होने का अनुमान रहता है, यहां 105 कोल्ड स्टोर हैं, पर वर्तमान में इनमे 25 प्रतिशत आलू ही रह गया है.
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दीवाली से पहले चिप्सोना और सूर्या प्रजाति के आलू के दाम 800-900 रुपये प्रति पैकेट (50 किलोग्राम) तक पहुंच गए थे, जिससे किसानों को लगा था कि भाव और चढ़ेंगे और अधिक मुनाफा के चक्कर में उन्होंने कोल्ड स्टोर से आलू नहीं निकाले, किन्तु भाव बढऩे की बजाय घटते चले गए. हालत ये है कि वर्तमान में आलू 500-600 रुपये प्रति पैकेट रह गया है, बरूला वाला आलू 50 रुपये व बीज का आलू 100 रुपये प्रति पैकेट की कीमत पर बिक रहा है.
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दरअसल, पंजाब और कर्नाटक से नया आलू दीवाली पर बाजार में आ जाता है, लेकिन इस बार नहीं आया है, जिससे कुछ दिन बाद आने पर यहां का आलू और सस्ता हो जाने की उम्मीद है. आलू उत्पादक मुकेश गौड़ का कहना है कि आलू के दाम गिर गए हैं, इसकी वजह से घाटा हो रहा है, अलीगढ़ कोल्ड स्टोरेज अॉनर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता मनोज अग्रवाल का कहना है कि अधिक भाव के चक्कर में किसानों ने कोल्ड स्टोर से आलू नहीं निकाले हैं.
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