अब रिहायशी इमारतों में इस तरह बचेगी बिजली

अब रिहायशी इमारतों में इस तरह बचेगी बिजली
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नई दिल्ली : विद्युत मंत्रालय ने प्रदेश में स्थित रिहायशी इमारतों के लिए ऊर्जा संरक्षण इमारत कोड इको निवास संहिता, 2018 शुरू की है। इस कोड की शुरुआत राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने की। वही इस अवसर पर महाजन ने कहा कि निरंतर विकास और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने की परिपाटी देश मे हजारों वर्षों से रही है। वहीं विद्युत राज्य मंत्री आरके सिंह भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे उन्होंने कहा कि आने वाले 10 -15 सालों में रियल इस्टेट क्षेत्र में ऊर्जा की मांग में सबसे अधिक बढ़ोतरी होगी। ऐसे में सभी पेशेवरों को ऊर्जा संरक्षण की दिशा में जागरूक करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ाया है। 
 
विस्तृत विमर्श के बाद तैयार किया गया
वही जानकारी के अनुसार मंत्रालय का यह कदम रिहायशी क्षेत्र में ऊर्जा की बचत के मद्देनजर उठाया गया है। इसका मकसद ऐसे अपार्टमेंट और टाउनशिप का डिजाइन तैयार करके बढ़ावा देने का है, जिससे उनमें रहने वालों को ऊर्जा की बचत के लाभ दिए जा सकें। इस कोड को बिल्डिंग मैटेरियल आपूर्तिकर्ताओं, डेवलपरों, वास्तुकारों और विशेषज्ञों समेत सभी साझेदारों के साथ विस्तृत विमर्श के बाद तैयार किया गया है। कोड में सूचीबद्ध मानदंडों जलवायु और ऊर्जा संबंधी आंकड़ों का इस्तेमाल करके अनेक मानकों के आधार पर विकसित किया गया है। 

एक अरब यूनिट बिजली बचत की संभावना
वही आपको बता दें की शुरुआत में कोड के पहले भाग की शुरुआत ऊर्जा की बचत वाली रिहायशी इमारतें डिजाइन करने के मकसद से की गई है। इसमें इमारत के अंदर के हिस्से को शुष्क, गर्म और ठंडा रखने व इमारत के बाहरी हिस्से की नींव के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित किए गए हैं। इस कोड को लागू करने से 2030 तक प्रतिवर्ष एक अरब यूनिट बिजली की बचत की संभावना है। यह करीब 100 मिलियन टन कार्बनडाई ऑक्साइड के उत्सर्जन के बराबर है।

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