नई दिल्ली: पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती कीमतों से परेशान भारतीय आवाम के लिए एक सुकून देने वाली खबर है, केंद्र सरकार ने आम आदमी को राहत देते हुए नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सहित डाकघर में चलने वाली छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज प्रतिशत में वृद्धि कर दी है. अक्टूबर 2018 से केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई ब्याज दरें लागू हो जाएंगी. भारत के वित्त मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में वृद्धि कर दी है.
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वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने एक से पांच साल वाली बचत योजना, 5 साल अवधि की सवधि जमा योजना वरिष्ठ नागरिक स्कीम, मासिक आमदनी खाता, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, पीपीएफ, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाले ब्याज में वृद्धि की है. सरकार के नए नियम के मुताबिक पांच साल के टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़ाकर 7.8 फीसदी, रेकरिंग डिपॉजिट पर 7.3 फीसदी और वरिष्ठ नागरिक स्कीम पर 8.7 फीसदी कर दिया गया है.
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इसके अलावा सरकार बचत योजनाओं के लॉक इन पीरियड में भी बदलाव करने की योजना बना रही है. पहले जहां इन योजनाओं में एक तय समय सीमा तक निवेश करने के बाद ही व्यक्ति अपनी जमा राशि निकाल सकता था, वहीं सरकार के संशोधन के बाद ये लघु बचत खाते बैंकों के आम बचत खाते की तरह हो जाएंगे, जिनमे से कभी भी जमा राशि निकाली जा सकती है.
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