1- जिस दिन भोग का विस्मरण हो जाये उस दिन समझना की भक्ति सार्थक हुई ।
2- प्रभु की महिमा का वर्णन करने से वाणी शुद्ध होती है ।
3- प्रभु कथा से प्रभु के लिए प्रेम और निष्ठा निर्माण होती है ।
4- ब्रह्माण्ड की व्यवस्था प्रभु करते हैं ।
5- प्रभु अपने हर व्रत को सत्य करने वाले हैं ।
6- प्रभु सत्यों में परम हैं और सत्य से ही प्राप्त होते हैं ।
7- भक्ति के सहारे जीव भगवान के पास पहुँचता है ।
8- भक्ति के द्वारा जीव और ईश्वर का सम्बन्ध जुड़ जाता है ।
9- प्रभु के जीवन में आते ही जीवन आलौकिक सुख और परमानंद से भर जाता है ।
10- प्रभु को साथ रखें तो संसार के हर द्वार स्वतः ही खुल जायेंगे ।
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