रांची: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें लगातार बढ़ती नज़र आ रही हैं। सूरत की एक कोर्ट द्वारा 'सारे मोदी चोर हैं' मामले में राहुल को दोषी ठहराए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश एक अनुसार, राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता भी रद्द हो गई। ऐसे में झारखंड की राजधानी रांची में कुछ ऐसा चल रहा है, जिससे राहुल की मुसीबत और बढ़ सकती है। दरअसल, प्रदीप मोदी नामक एक वकील ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का एक मुकदमा दाखिल किया था। बता दें कि, प्रदीप मोदी उस परिवार से आते हैं, जिस परिवार ने कभी कांग्रेस पार्टी को जमीन दान में दी थी और अब वो राहुल गांधी के बयान से आहत होकर उनके खिलाफ ही केस लड़ने को मजबूर हो गए हैं।
दरअसल, शुक्रवार (24 मार्च) को रांची के एक वकील ने इसी प्रकार के एक आपराधिक मानहानि केस की जल्द सुनवाई की मांग की है। याचिकाकर्ता वकील का नाम प्रदीप मोदी है। प्रदीप मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ वर्ष 2019 में मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था। अब प्रदीप चाहते हैं कि उनके द्वारा किए गए मुक़दमे की अदालत जल्द से जल्द सुनवाई करे। दरअसल, रांची में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने साल 2019 में मोदी सरनेम को को लेकर अपमानजनक बयान दिया था। राहुल के इसी बयान पर प्रदीप मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था।
प्रदीप मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ केवल उनके बयान को लेकर ही मुकदमा नहीं किया था। दरअसल, प्रदीप मोदी उस परिवार से संबंध रखते हैं, जिस परिवार ने झारखंड में कांग्रेस पार्टी को जमीन दान दी थी। प्रदीप मोदी के पूर्वजों ने कांग्रेस पार्टी को जो भूमि दान दी थी, उसी जमीन पर आज कांग्रेस का हेडक्वार्टर बना हुआ है। यह जमीन रांची के अपस्केल अपर बाजार इलाके में स्थित है। वकील प्रदीप मोदी ने कहा कि, 'कांग्रेस पार्टी के वकीलों ने मामले को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने इस याचिका को 2 जुलाई 2022 को ख़ारिज कर दिया गया था। उसके बाद कांग्रेस के वकीलों ने एक और याचिका दाखिल की है जिसमें राहुल गांधी के लिए व्यक्तिगत पेशी से रियातत देने की मांग की गई है। इस मामले में कोर्ट का फैसला अभी नहीं आया है।'
प्रदीप मोदी ने कहा, वह किसी भी सियासी दल से नहीं जुड़े हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ उनके पास पुख्ता प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी ने 3 मार्च, 2019 को एक रैली में यह अपमानजनक बयान दिया था। राहुल गांधी ने देश के अन्य हिस्सों में वही भाषण दोहराया। इसे लेकर अदालत में मैंने सभी सबूत दिए हैं।
'अयोग्य सांसद' ! लोकसभा सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी ने अपने ट्विटर बायो में किए बदलाव
CM केजरीवाल का एक और 'सिपाही' निकला अपराधी ! दलित छात्र को पीटने के मामले में AAP विधायक दोषी करार
राहुल गांधी के किन बयानों पर मचा है बवाल, जानिए उनमे कितना सच-कितना झूठ ?