आप सभी को बता दें कि आज यानी 18 मार्च, सोमवार को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है. इसी के साथ आज गोविंदा द्वादशी भी है. कहते हैं इस बार ये व्रत सोमवार को होने से सोम प्रदोष का शुभ योग बन रहा है और आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे सोमवार को किस विधि से करें शिवजी की पूजा.
व्रत और पूजा की विधि- कहा जाता है प्रदोष में बिना कुछ खाए व्रत रखने का विधान है लेकिन अगर ऐसा करना संभव न हो तो एक समय फल खा सकते हैं. आप सभी को बता दें कि इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ानी चाहिए. इसी के साथ आज की शाम के समय फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें और भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं.
इसी के साथ आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं और अब इसके बाद शिवजी की आरती करें. अब अंत में आज रात में जागरण करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें. कहते हैं इस तरह व्रत व पूजा करने से व्रती (व्रत करने वाला) की हर इच्छा पूरी हो जाती है.
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