आप सभी को बता दें कि भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में सबसे शुभ एवं महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. ऐसे में इस व्रत के प्रभाव से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा सदैव बनी रहती है. कहा जाता है आज यानी मंगलवार के दिन त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत रखने से व्रत रखने वाले को समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और इस व्रत के प्रभाव से जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रह जाता है. कहते हैं इससे आर्थिक संकटों का समाधान होता है और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत से समस्त पाप दूर हो जाते हैं. आप सभी को बता दें कि इस व्रत को रखने वाला मोक्ष के मार्ग की ओर अग्रसर होता है और यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए विशेष दिवस है.
ऐसे में प्रदोष पूजा में शामिल होने के लिए सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतरते हैं और इस व्रत को रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है. कहा जाता है इस व्रत में सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए और भगवान शिव, माता पार्वती का स्मरण करें. इसी के साथ ध्यान रहे कि इस व्रत में आहार नहीं लिया जाता है और पूरे दिन उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण करना चाहिए.
इस दिन पूजा के दौरान उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठें और भगवान शिव का पूजन करें, अब ऊँ नम: शिवाय का जाप करें. इसके बाद ध्यान रहे कि प्रदोष व्रत में रात्रि जागरण करें और इस व्रत में शाम के समय घर में आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं तो लाभ होगा.
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