आप सभी को बता दें कि हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व है और इस बार प्रदोष व्रत 17 अप्रैल को है. जी हाँ, इस बार बुधवार को पड़ने के कारण इस दिन बुध प्रदोष योग बन रहा है और ऐसे में आज हम बताने जा आरहे हैं कि कैसे कर सकते हैं आप आज भगवान शिव की पूजा. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री के साथ पूजा विधि.
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त- 17 अप्रैल 2019 बुधवार रात 1:26 से सुबह 10:24
प्रदोष व्रत के पूजन के लिए सामग्री - आज भोले की उपासना के लिए पूजन शुरू करने से पहले तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत, पान और दक्षिणा एकत्रित कर लें. अब उसके बाद ऐसे करें पूजन.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि - आपको बता दें कि प्रदोष में बिना कुछ खाए व्रत रखने का विधान है क्योंकि ऐसा करना संभव न हो तो एक समय फल खा सकते हैं. इसी के साथ इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ानी चाहिए. आज शाम के समय फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करनी चाहिए और भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाना चाहिए. आज आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं और इसके बाद शिवजी की आरती करें. अब आज रात में जागरण करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें. कहते हैं इस तरह व्रत व पूजा करने से व्रती (व्रत करने वाला) की हर इच्छा पूरी हो जाती है.
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