नई दिल्लीः बीते पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को निरस्त कर दिया था। सरकार ने इसके पीछे कई तर्क दिए। सरकार ने दावा किया कि यह राज्य के विकास में एक बड़ा रोड़ा बन रहा था। जिसे राज्य के हित के लिए हटाना जरूरी था। हालांकि घाटी में इसको लेकर विपरीत राय है। अब केंद्र सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस धारा के हटने के बाद राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फायदा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर को जब विशेष स्थिति प्राप्त थी तो राज्य के पास रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को छोड़ निर्णय लेने का अधिकार था। विभिन्न केंद्रीय कानून राज्य पर लागू नहीं थे।
जावड़ेकर ने बताया कि शिक्षा के अधिकार के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 25 प्रतिशत छात्रों को प्रवेश मिलता है। यह J और K पर लागू नहीं था, मगर अब यह लागू होगा। जम्मू और कश्मीर के लोगों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ नहीं मिला, मगर वे अब इसे प्राप्त करेंगे। इसी तरह, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को कोई राजनीतिक आरक्षण नहीं था, मगर अब वे इसे प्राप्त करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कश्मीर के लोग धारा 370 के प्रवधानों को समाप्त करने पर खुश हैं क्योंकि उन्हें अब देश के बाकी नागरिकों के साथ लाभ और अधिकार प्राप्त होंगे। बता दें कि भाजपा सरकार इसे अपनी बड़ी कामयाबी के तौर पर प्रचार कर रही है। और उसे देश के बाकी हिस्सों से समर्थऩ भी अच्छा मिला है।
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