नई दिल्ली : देश में इस साल से नौ लाख क्लासरूम डिजिटल बोर्ड से जुड़ जाएंगे। केंद्र सरकार अप्रैल सत्र से स्कूलों को ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड से जोड़ने जा रही है। इसमें डेढ़ लाख सरकारी स्कूलों के सात लाख क्लास रूम और 300 विश्वविद्यालयों के दो लाख क्लासरूम डिजिटल होंगे। नौंवी, दसवीं, 11वीं,12वीं कक्षा, स्नातक व स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्र डिजिटल बोर्ड से पढ़ेंगे।
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यह होंगे योजना से लाभ
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना 2022 तक पूरी होगी, जिसमें सात से दस हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बुधवार को ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड शुरू करने की घोषणा की। उनके मुताबिक, इस योजना में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी पैसा राज्य सरकार खर्च करेगी। प्रोफेसर झुनझुनवाला कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डिजिटल बोर्ड योजना लागू होगी। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को डिजिटल बोर्ड से पढ़ाई करवाने की बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
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जल्द शुरू किया जायेगा पोर्टल
प्राप्त जानकारी के अनुसार जावडेकर के अनुसार, 70 साल पहले ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड हुआ था और 2019 में ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड होगा। 2022 में आजादी के 75 साल होने पर छात्र तकनीक से पढ़ाई करते नजर आएंगे। केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय, राज्य शिक्षा बोर्ड के सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल शामिल होंगे। जल्द ही ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड का पोटर्ल भी शुरू होगा। जावडेकर की माने तो डिजिटल बोर्ड से स्कूल बैग का बोझ भी कम होगा। क्योंकि डिजिटल क्लासरूम होने से किताबों की जरूरत नहीं रहेगी।
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