तिरुपति लड्डू विवाद पर 'ज्ञान' देने लगे प्रकाश राज, पवन कल्याण ने दिया करारा जवाब

तिरुपति लड्डू विवाद पर 'ज्ञान' देने लगे प्रकाश राज, पवन कल्याण ने दिया करारा जवाब
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गुंटूर: तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में घी की मिलावट का मामला सामने आने के बाद पूरे देश के बहुसंख्यक समाज में आक्रोश देखा जा रहा है। इस घटना को लेकर दक्षिण भारत के दो बड़े अभिनेताओं, पवन कल्याण और प्रकाश राज, के बीच तीखी बहस शुरू हो गई है। पवन कल्याण, जो आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी हैं, ने इस मामले पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि अब शायद एक 'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड' की स्थापना का समय आ गया है, जो देश भर में मंदिरों से जुड़े मामलों की निगरानी करेगा।

पवन कल्याण के इस बयान का जवाब देते हुए अभिनेता प्रकाश राज ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह घटना उस राज्य में हुई है जहाँ पवन उपमुख्यमंत्री हैं, इसलिए उन्हें खुद जांच करवानी चाहिए और दोषियों को सज़ा दिलवानी चाहिए। उन्होंने पवन पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बना रहे हैं, जबकि देश में पहले से ही सामुदायिक तनाव मौजूद है (दिल्ली में बैठे आपके दोस्तों की वजह से), और इस स्थिति को बढ़ावा देने की ज़रूरत नहीं है। 

प्रकाश राज की इस आलोचना का पवन कल्याण ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह 'हिंदुत्व की पवित्रता और खाद्य पदार्थों में मिलावट' के मुद्दे पर बात कर रहे हैं, और उन्हें इस बारे में बोलने का पूरा अधिकार है। पवन ने कहा कि जब बात सेकुलरिज्म की आती है, तो यह सबके लिए समान होना चाहिए। उन्होंने प्रकाश राज को संबोधित करते हुए कहा, "आप मेरी आलोचना क्यों कर रहे हैं? क्या मैं सनातन धर्म पर हो रहे हमलों के बारे में नहीं बोल सकता?" पवन ने आगे कहा कि हिंदुत्व उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इस मुद्दे पर हर हिंदू को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यही घटना किसी और धर्म के साथ होती, तो एक बड़ा आंदोलन खड़ा हो जाता।

इस बीच, अभिनेता विष्णु मंचू ने भी प्रकाश राज की टिप्पणी पर नाराज़गी ज़ाहिर की। उन्होंने पवन कल्याण का समर्थन करते हुए कहा कि पवन ने सही मांग की है कि इस पवित्र परंपरा की रक्षा के लिए सख्त जांच और कार्रवाई होनी चाहिए। पवन कल्याण ने इस मामले के प्रति अपनी गंभीरता दिखाते हुए हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया कि वे इस अपवित्रता का प्रायश्चित करने के लिए 22 सितंबर से गुंटूर जिले के नंबूर में श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 11 दिनों की 'प्रायश्चित्त दीक्षा' करेंगे।

इस ट्विटर वॉर पर कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि, तिरुपति भारत के सबसे बड़े और पवित्र मंदिरों में से एक है, जहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, वहां ऐसी गंभीर घटना होना क्या राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है? अगर ऐसी घटना किसी अन्य समुदाय के साथ हुई होती, जैसे कि किसी मुस्लिम धर्मस्थल पर बिरयानी आदि में  सूअर का मांस मिलकर बंटवा दिया गया होता, तो क्या प्रकाश राज इसी तरह प्रतिक्रिया देते? प्रकाश राज, जो अक्सर अपने हिंदू-विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं, इस बार पवन कल्याण ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब देकर सही सबक सिखाया है।

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