मुंबई: 100 करोड़ की वसूली का हैरतअंगेज़ आरोप लगाने के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पहली बार इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है. परमबीर सिंह ने कहा है कि उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र इसलिए लिखा क्योंकि उनके ऊपर लापरवाही के इल्जाम लगे थे. सूत्रों के मुताबिक, परमबीर सिंह ने कहा कि मैंने अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए यह चिट्ठी लिखी है.
परमबीर सिंह ने आगे कहा कि इसमें कोई सियासत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि वो न तो दिल्ली गए थे और न ही किसी भाजपा नेता से मिले थे. वहीं परमबीर ने सफाई देते हुए कहा कि मैं कोई भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की मांग नहीं कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई के संबंध में मैं कुछ नहीं कह सकता हूं, मुझे जो कुछ भी कहना था चिट्ठी में कह दिया है. बता दें कि परमबीर सिंह ने सोमवार को महाराष्ट्र होमगार्ड के महानिदेशक के रूप में पदभार संभाल लिया है.
बता दें कि परमबीर सिंह की चिट्ठी को लेकर महाराष्ट्र से दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है. यह चिट्ठी परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी है, जिसमें गृह मंत्री अनिल देशमुख पर संगीन इल्जाम लगाए गए हैं. परमबीर सिंह ने यह आरोप लगाया है कि एंटीलिया केस में अरेस्ट किए गए निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सौ करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य दिया था. परमबीर की इस चिट्ठी के सामने आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है. आरोपों के घेरे में घिरे अनिल देशमुख ने ट्वीट करते हुए सफाई दी है कि परमबीर ने एंटीलिया केस की जांच से अपने आपको बचाने के लिए झूठे इल्जाम लगाए हैं. उन्होंने मानहानि के दावे की बात भी कही.
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