खुद के भाई ने ही प्रमोद महाजन को मारी थी गोली, जानिए क्या थी वजह

खुद के भाई ने ही प्रमोद महाजन को मारी थी गोली, जानिए क्या थी वजह
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वो 22 अप्रैल 2006 की एक मनहूस प्रातः रही। प्रमोद महाजन अपने घर पर ही थे। उस रोज किसी बात पर उनकी अपने भाई प्रवीण से लड़ाई भी हुई थी। ये बहस 15 मिनट तक चली और उनके छोटे भाई प्रवीण महाजन ने कुछ समय बाद ही उनके ऊपर गोली चला दी। 15 मिनट के इस झगड़े में ऐसा क्या था कि बात फायरिंग तक आ पहुंची, ये कहना मुश्किल है।

भाजपा पर होने वाली चर्चाओं में पार्टी के गृह मंत्रीअमित शाह को ‘चाणक्य’ का दर्जा दिया जाता है। अटल-आडवाणी वाली भाजपा के दौर में ‘चाणक्य’ की ये उपाधि पार्टी के दिग्गज नेता रहे प्रमोद व्यंकटेश महाजन को दिया जाता रहा है। आज (3 मई) प्रमोद महाजन की पुण्यतिथि है। अपने सगे भाई की गोलियों का शिकार हुए प्रमोद महाजन ने 3 मई 2006 को इस दुनिया से उन्होंने नाता तोड़ दिया। उनका खूनी अंत भारतीय राजनीति के स्याह पक्ष का एक चेहरा है। यकायक इस पर किसी को यकीन नहीं होता कि इतने विशाल व्यक्तित्व वाले नेता को अपने सगे भाई ने मौत की नींद दे दी। इसकी चर्चा कर हर कोई सहज नहीं हो सकता है। जिसके पीछे साजिश, प्रतिस्पर्धा, तरक्की से जलन जैसे ना जाने कितने मानवीय गुण-अवगुण छिपे हुए हैं।

पत्र-पत्रिकाओं और अखबारों में अपने बड़ी से मुस्कान के साथ छपने वाले प्रमोद महाजन इस इलज़ाम को कुछ हद तक स्वीकार करते हैं। चर्चित टेलिविजन शो ‘आपकी अदालत’ में जब उनपर शॉर्ट टैंपर्ड होने का इलज़ाम लगाया गया तो उन्होंने बोला “अगर आपका ये इलज़ाम है कि मैं शॉर्ट टैंपर्ड हूं, या मुझे जल्दी गुस्सा आता है, तो मैं समझता हूं कि हां, ये दोष मेरे में है, इस दोष को कम करने की कई बार मैं कोशिश करता हूं, लेकिन कभी-कभी वह उभर के आ जाता है।” इंटरव्यू में प्रमोद महाजन आगे बताते हैं कि वह गुस्सैल स्वभाव के नहीं हैं। वो कहते हैं, “मेरा बेटा है, बेटी है, कुछ दिन पहले मेरी बेटी को बेटा हुआ है, मैं नाना बन गया हूं, मुझे ऐसा लगता है कि मैंने मेरे बच्चों पर आजतक हाथ नहीं उठाया है, एक बार मैंने मेरे बड़े बेटे को आठवीं कक्षा में फेल हुआ था इसलिए एक चांटा मारा था, और आज जब भी मैं पलटकर याद करता हूं तो आज आंखों में आंसू आ जाते हैं, कि मारना नहीं चाहिए था। क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि हम बच्चों को इसलिए मारते हैं क्योंकि वो हमको मार नहीं पाते हैं। जब भी कुछ गलती हो तो समझाना चाहिए, इसलिए मैंने मेरे बच्चों के साथ हाथ उठा कभी पीटा नहीं, थोड़ा बहुत गुस्सा हुआ। लेकिन कभी स्पर्श नहीं किया।” 

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