अब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जाना कांग्रेस के लिए हैरान करने वाला विषय बन गया है. यहां तक कहा जा रहा है कि प्रणब मुखर्जी के नेतृत्व में ही संघ के संगठनों के आतंकी संपर्कों की जांच के बारे में प्रस्ताव पारित किया गया था, ऐसे में उनका संघ के कार्यक्रम में जाना चकित करने वाली बात है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर मुख्यालय जाएंगे. वह संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष में शामिल हो रहे स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, 'मुखर्जी ने कांग्रेस के 2010 में बुराड़ी में हुए अधिवेशन में यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया था कि आरएसएस और उसके आनुषंगिक संगठनों के आतंकियों से संबंध की यूपीए सरकार जांच करे.' कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ' इसके बारे में जवाब पूर्व राष्ट्रपति खुद ही दे सकते हैं. उनको निमंत्रण मिला, वह जा रहे हैं तो इसका जवाब वही दे सकते हैं.'
आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के शिविर में शामिल होने के लिए मुखर्जी को आमंत्रण भेजा गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. इस शिविर को ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैम्प यानी ओटीसी भी कहते हैं. सूत्रों के मुताबिक वह नागपुर में दो दिन रहेंगे और 8 जून को वापस लौटेंगे. संघ शिक्षा वर्ग के शिविर के समापन समारोह में मुखर्जी शामिल होंगे. वह इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. इस शिविर में करीब 700 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अखबार से कहा, 'वह एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं. वह भारत के राष्ट्रपति रहे हैं. उनकी पंथनिरपेक्ष सोच है. इसलिए ऐसा नहीं लगता कि उनके वहां जाने से उनके व्यवहार में कोई बदलाव आ जाएगा.
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