नई दिल्ली: कोर्ट की अवमानना के आरोप में शीर्ष अदालत से एक रुपये जुर्माना भरने की सजा पाए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने फैसले के बाद प्रेस वार्ता करते हुए कहा है कि उन्हें फैसला स्वीकार है, किन्तु वह इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। भूषण ने कहा कि वह एक रुपये का जुर्माना तो भरेंगे, किन्तु फैसले के खिलाफ रिव्यू या रिट फाइल करने के अपने अधिकार का भी उपयोग करेंगे।
भूषण ने अपने उन ट्वीट्स का भी बचाव किया जिसके लिए शीर्ष अदालत ने उन्हें अवमानना का दोषी मानते हुए सजा दी है। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा था, वह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। भूषण ने कहा कि सत्य की जीत होगी, लोकतंत्र सशक्त होगा, सत्यमेव जयते। इससे पहले शीर्ष अदालत ने अवमानना के दोषी प्रशांत भूषण को सोमवार को सजा सुनाते हुए 1 रुपये फाइन भरने का फैसला दिया था।
जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में उन्हें 3 महीने की जेल और शीर्ष अदालत में वकालत से 3 साल के लिए प्रतिबंधित करने की सजा दी जाएगी। सजा की घोषणा के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि, 'मैंने पहले ही कहा था कि शीर्ष अदालत का जो भी फैसला होगा उसे खुशी-खुशी मान लूंगा किन्तु फैसले के खिलाफ अपील का मेरा अधिकार सुरक्षित है। मैंने तो जो कहा था वह मुझे लगता है कि वह प्रत्येक नागरिक का सबसे बड़ा कर्तव्य है। सच बोलना, जहां गलत हो रहा है, उसके खिलाफ आवाज बुलंद करना प्रत्येक नागरिक का सबसे बड़ा कर्तव्य है। मैं जुर्माना दे दूंगा किन्तु मेरा जो अधिकार है रिव्यू फाइल करने का या रिट फाइल करने का...कंटेंप्ट के जजमेंट और सजा के फैसले के खिलाफ विधिक लड़ाई लड़ूंगा।'
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