पटना: बिहार की चुनावी राजनीति में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने उपचुनाव के लिए अपने चार उम्मीदवारों की घोषणा में संशोधन किया है। पार्टी ने गया की बेलागंज सीट पर अपने उम्मीदवारों को बार-बार बदलने की प्रक्रिया जारी रखी है। पहले, जन सुराज ने मोहम्मद अमजद को इस सीट पर प्रत्याशी बनाया था, लेकिन अमजद ने पैसे की कमी का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद प्रोफेसर खिलाफत हुसैन का नाम आगे बढ़ाया गया।
हालाँकि, प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से मो. अमजद को ही पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस निर्णय के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने अमजद को समझाया है और अब वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। भोजपुर जिले की तरारी सीट पर भी एक प्रत्याशी में बदलाव किया गया है। यहां लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्ण सिंह को पहले उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन उनका नाम बिहार की वोटर लिस्ट में नहीं था, जिससे वे चुनाव नहीं लड़ सकते थे। इसके परिणामस्वरूप, पार्टी ने किरण सिंह को इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया है।
बिहार में उपचुनाव के लिए जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें भोजपुर की तरारी, कैमूर जिले की रामगढ़, गया की बेलागंज और इमामगंज शामिल हैं। इन चारों सीटों पर मतदान 13 नवंबर को होगा और परिणाम महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव के नतीजों के साथ घोषित किए जाएंगे। इन उपचुनावों में सभी विधायकों को लोकसभा चुनाव में सांसद चुना गया है। तरारी से विधायक सुदामा प्रसाद आरा से, रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से, इमामगंज से विधायक जीतनराम मांझी गया से, और बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव जहानाबाद से सांसद बने हैं।
इस बार के उपचुनाव में महागठबंधन की साख दांव पर है, क्योंकि चार में से तीन सीटों पर उसके विधायक थे, जबकि गया की इमामगंज सीट पर एनडीए का विधायक था। महागठबंधन की ओर से आरजेडी तीन सीटों पर और भाकपा (माले) एक सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि एनडीए से बीजेपी दो सीटों पर और जेडीयू एवं हम एक-एक सीट पर चुनाव लड़ने की संभावना है। इस तरह, बिहार की राजनीति में यह उपचुनाव महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।
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