नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार शाम को एक बार फिर से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुलाकात की थी। बीते तीन दिनों के अंदर PK की सोनिया गांधी से यह दूसरी मुलाकात थी। इस दौरान सोनिया गांधी के अलावा पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, पी. चिदंबरम और रणदीप सुरजेवाला भी उपस्थित रहे। हालांकि, राहुल गांधी इस मीटिंग से गायब रहे। हालांकि, राहुल की गैर-हाजिरी का कारण अभी सामने नहीं आई है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की तैयारियों और रणनीति को लेकर मंथन हुआ।
दरअसल, आने वाले डेढ़ वर्षों के भीतर देश के 6 बड़े राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। इसी साल के अंत में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव हैं। इसके बाद अगले साल राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें से दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में उसके आगे दोहरी चुनौती है। एक ओर उसे दो राज्यों में अपनी सरकार बचानी है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ हासिल भी करना है। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान पार्टी की ओवरहॉलिंग करना चाहता है ताकि विधानसभा चुनाव में भाजपा का सामना कर सके। यही कारण है कि लगातार पार्टी में मंथन का दौर जारी है।
हालांकि, इस बीच पार्टी में इस बात को लेकर भी मंथन चल रहा है कि PK को कांग्रेस में क्या जिम्मेदारी दी जाए। उन्हें सलाहकार के रूप में शामिल किया जाए या फिर कोई पद देकर नेता बनाया जाए। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के अधिकतर नेता चाहते हैं कि प्रशांत किशोर को सलाहकार का दर्जा दिए जाने की जगह नेता के तौर पर शामिल कर लिया जाए। बता दें कि प्रशांत किशोर ने बीते हफ्ते कांग्रेस नेतृत्व को एक प्रजेंटेशन भी दी थी, जिसमें उन्होंने 370 लोकसभा सीटों पर फोकस करने के लिए कहा था।