पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब के चलते हुई 31 लोगों की मौत के बाद विपक्ष ने राज्य की नितीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा सदन से सड़क तक सरकार को निशाने पर ले रही है। भाजपा इसे सरकार द्वारा प्रायोजित नरसंहार बता रही है और सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं, कभी नीतीश कुमार के बेहद ख़ास रहे प्रशांत किशोर (PK) ने भी शराबबंदी को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री पर हमला बोला है। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को एक नाकाम योजना करार देते हुए इसे 48 घंटे के भीतर निरस्त करने की मांग की है। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के साथ शराबबंदी कानून की नाकामी के लिए भाजपा, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तीनों पर हमला बोला है।
PK ने आगे कहा कि शराबबंदी पर सबसे पहली मुखर आवाज हमने ही उठाई है। भाजपा के लोग जो आज विधानसभा में हंगामा कर रहे हैं, उन्होंने JDU के साथ रहकर 5 साल तक शराबबंदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि लोगों को भाजपा से सवाल पूछने चाहिए की जब आप सरकार में थे, तो आपने शराबबंदी को हटाने के लिए क्या काम किया। इसके साथ ही PK ने कहा कि बिहार के सियासी दलों को शराबबंदी को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। शराबबंदी को लेकर PK ने आरजेडी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि जब RJD और तेजस्वी यादव विपक्ष में थे, तो शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार को घेर रहे थे। अब ये खुद सरकार चला रहे हैं, तो इन्हें शराबबंदी सही लग रही है।
जन सुराज अभियान के तहत पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के आसपास रहने वाले लोग खुद शराब पीते हैं, और फिर नीतीश कुमार के सामने लंबी-लंबी बाते करते हैं। जो भी नीतीश कुमार को जानते हैं, वे सब यह भी जानते हैं कि उनके (नितीश के) इर्द-गिर्द जो अफसर रहते हैं, वे शराब पीते हैं। प्रशांत ने कहा कि, ये बड़ी हास्यास्पद बात है कि, किसी राज्य का CM, किसी जिले के डीएम, एसपी को बुलाकर कहते हैं कि आप कसम खाइये कि आप शराब का कारोबार करने वाले लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे। जबकि उनके करीब रहने वाले अफसर ही शराब पीते हैं।
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