नई दिल्ली : चुनाव आयोग के फैसले के बाद अयोग्य ठहराए गए आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी गई है , लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि आप पार्टी की इस परेशानी का कारण एक ऐसा व्यक्ति है , जिसने आप पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है.विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है .
आपको बता दें कि एक गैर सरकारी संगठन ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी .जिसमें संसदीय सचिव के पद पर 21 विधायकों को असंवैधानिक बताया था. इस मामले वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास एक याचिका दाखिल की थी.जिसमें आरोप लगाया गया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं इसलिए इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए .दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था.
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है .जिसमें आयोग पर आप पार्टी का पक्ष नहीं सुनने का आरोप लगाया गया है .इसके लिए आप नेता सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी की तरफ इशारा किया है .उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्योति पर मोदी का कर्ज चुकाने जैसा आरोप लगाया है.
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