सूर्य की पहली किरण दिन की शुरुआत में सफलता की ऐसी ही बेजोड़ प्रेरणा देती है. धार्मिक दृष्टि से सूर्य उपासना भी निरोगी जीवन के साथ यश, सम्मान व प्रतिष्ठा देने वाली मानी गई है, जिसे भाग्योदय होना भी माना जाता है. यही कारण है कि हर सुबह खासतौर पर रविवार को सूर्य उपासना के लिए शास्त्रों में उगते सूरज के सामने एक विशेष मंत्र का स्मरण मात्र भी बेजोड़ सफलता से पद, प्रतिष्ठा देने वाला माना गया है.
जानिए यह मंत्र -
1-सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें. एक जल पात्र यथासंभव तांबे के कलश में पवित्र जल लें. जल में अष्टगंध, लाल फूल व अक्षत डालकर ऊँ सूर्याय नम: इस सरल मंत्र से उदय होते सूर्य को अर्घ्य दें.
2-अर्घ्य के बाद जमीन पर माथा टेक नीचे लिखे सूर्य मंत्र यश व सफलता की कामना के साथ बोलें -
ऊँ खखोल्काय शान्ताय करणत्रयहेतवे.
निवेदयामि चात्मानं नमस्ते ज्ञानरूपिणे..
त्वमेव ब्रह्म परममापो ज्योती रसोमृत्तम्.
भूर्भुव: स्वस्त्वमोङ्कार: सर्वो रुद्र: सनातन:..
3-बाद में मंदिर में सूर्य की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा कर गुड़ का भोग लगाकर धूप, दीप या कर्पूर आरती करें.
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