लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 10 जून 2022 को जुमे की नमाज़ के बाद भड़की हिंसा में फरार आरोपित मोहम्मद सगीर को यूपी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। पुलिस पूछताछ में उसने मस्जिद में लोगों को भड़काए जाने की बात कबूली है। बुधवार (22 जून 2022) को सगीर को जेल भेज दिया गया है। वहीं यूपी पुलिस अभी भी फरार चल रहे 31 अन्य उपद्रवियों की खोजबीन की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपित सगीर का एक नाम डियर भी है। वह ई रिक्शा चलाता है और साथ में मीट भी सप्लाई करता है। हिंसा के बाद वो करेली में ही छिपा रहा और मौका देखकर अपने एक रिश्तेदार के घर चला गया था। वो माहौल शांत होने का इंतज़ार कर रहा था। हालात सामान्य होते ही वो वापस लौट आया, मगर खुल्दाबाद थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में सगीर ने बताया कि घटना के दिन वो अटाला की मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिए गया था। इसी दौरान वहाँ उसे प्रदर्शन के लिए भड़काया गया। मस्जिद में भड़काए जाने के बाद ही वो अन्य उपद्रवियों के साथ हिंसा में शामिल हो गया। बाद में पुलिस की कार्रवाई देख वो छिप गया था। पूछताछ में सगीर ने अन्य उपद्रवियों के नाम भी बताए है, जिनकी पुलिस खोज कर रही है। DSP प्रथम सत्येंन्द्र तिवारी ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार सगीर अटाला मोहल्ले का ही निवासी है।
पुलिस अटाला मस्जिद के मुतवल्ली हाफिज, पार्षद फ़ज़ल खान और AIMIM के जिलाध्यक्ष शाह आलम की भी खोज कर रही। इन सभी पर मस्जिद में मौजूद लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है। इन सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज में भड़की हिंसा में कुल 95 नामजद और 5400 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन नामजदों में 31 आरोपित अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। बता दें कि प्रयागराज हिंसा में शामिल अब तक 103 आरोपित जेल भेजे जा चुके हैं, जिसमें कुछ नामजद और कुछ CCTV व अन्य फुटेज से पहचाने गए हैं।
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