मध्य प्रदेश के श्योपुर में पहले कोरोना पीड़ित झोलाछाप डॉक्टर की गर्भवती बेटी में भी कोरोना की पुष्टि हुई है. हालाकि उसके संपर्क में आए सिविल सर्जन सहित पूरे अस्पताल स्टॉफ की रिपोर्ट निगेटिव आई है. इस पर प्रशासन ने कोरोना पीड़ितों के क्षेत्र हसनपुर हवेली-बंजारा डैम क्षेत्र को हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया है. झोलाछाप डॉक्टर का बेटा लॉकडाउन के दौरान इंदौर से लौटा था.
वहीं ग्वालियर मेडिकल कॉलेज से श्योपुर के 30 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट सामने आई है. इसमें से हसनपुर हवेली के कोरोना पॉजिटिव फर्जी डॉक्टर के दो बेटों की रिपोर्ट निगेटिव निकलीं, लेकिन 22 साल की बेटी कोरोना पॉजिटिव आई है. बेटी चार महीने की गर्भवती है. इसके अलावा सिविल सर्जन डॉ. आरबी गोयल, डॉ. विष्णु गर्ग और डॉ. जेएन सक्सेना सहित अस्पताल के लगभग 20 कर्मचारी की जांच रिपोर्ट निगेटिव है. कोरोना पॉजिटिव को अस्पताल लाने और श्योपुर से ग्वालियर ले जाने वाली गाड़ियों के दो ड्राइवर मेघसिंह व सुरेन्द्र कुमार की कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव है. कोरोना पॉजिटिव पाई गई महिला अपने पिता के साथ ही रहती है. उसके पति, दो बच्चे और तीन भाइयों की कोरोना निगेटिव पाए गए हैं. कोरोना पीड़िता का पति और भाई दोनों लॉकडाउन के दौरान इंदौर से आए थे. उन्हीं से कोरोना संक्रमण फैलने का अनुमान जताया जा रहा है, लेकिन इन दोनों को जांच में कोरोना का संक्रमण नहीं निकला है.
बता दें की जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 8 अप्रैल को शंकरपुर गांव के धनसिंह आदिवासी ने दम तोड़ दिया था. पहले से टीबी के मरीज धनसिंह को सांस लेने में तकलीफ हुई थी. कोरोना के सैंपल लेने के एक घंटे बाद उसने आइसोलेशन वार्ड में दम तोड़ दिया था. उसकी भी कोरोना जांच निगेटिव निकली है.
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