18 मार्च को देशभर में होली (Holi) का पर्व मना जाने वाला है। हालाँकि इस बीच डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं की ओर से बरती गई थोड़ी सी भी लापरवाही से उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। जी हाँ और इसी के चलते यह ज़रूरी है कि गर्भवती महिला कुछ बातों का ध्यान रखें, जिससे उनकी और बच्चे की सेहत को कोई नुकसान न पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों के मुताबिक, महिलाओं को नुकसानदायक रंगों का उपयोग करने के बजाय, मेहंदी, पालक, चुकंदर से बने होममेड होली रंगों के साथ होली खेलनी चाहिए। जी हाँ, गुलाब, गेंदा आदि जैसे फूलों की पंखुड़ियों से बने रंगो से होली खेली जा सकती है। आप सभी को बता दें कि होली में जोरदार गतिविधियों और हानिकारक रंगों से शरीर को चोट लग सकती है ,जिससे समय से पहले प्रसव, गर्भपात या बच्चें में जन्म दोष हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो हम बताने जा रहे हैं।
रंगों के इस्तेमाल से बचें- गर्भावस्था के दौरान होली खेलना सुरक्षित होता है, लेकिन फिर भी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। जी हाँ और होली खेलते समय किन रंगो का इस्तेमाल करें इसको लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। ध्यान रहे सिंथेटिक होली के रंगों में अक्सर हानिकारक पदार्थों से बने सिंथेटिक रंग होते हैं जो त्वचा और रेस्पिरेटरी सिस्टम द्वारा शरीर के अंदर चले जाते हैं। जी हाँ और इससे कई गंभीर रिएक्शन और एलर्जी हो सकती हैं। इसके अलावा कुछ रंग खून में भी जा सकते हैं और बच्चे के बल्ड सर्कुलेशन तक भी पहुंच सकते हैं।
भीड़ में न जाएं- बहुत ज्यादा भीड़ में होली न खेलें क्योंकि इससे आप फिसलने या गिरने से घायल होने का खतरा रहता है और इसके अलावा यह भी जरूरी है कि होली पर डांस न करें। जी हाँ क्योंकि ऐसा करने से आपको नुकसान पहुंच सकता है।
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