रांची: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (24 अगस्त) को झारखंड में अवैध खनन में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 17 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। उसी छापेमारी के दौरान रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद ख़ास बताए जाने वाले प्रेम प्रकाश के यहां भी छापा मारा गया था। उस छापेमारी में ED को तलाशी में दो AK 47 राइफल मिली थीं। इसके बाद दावा किया गया कि ये राइफल प्रेम प्रकाश की है। मगर, अब जब्त की गईं दो AK 47 राइफल की वास्तविक कहानी सामने आ चुकी है।
दरअसल, तलाशी में मिली AK 47 प्रेम प्रकाश की नहीं, बल्कि दो पुलिस कांसटेबल की है, जिन्हें अब निलंबित कर दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों पुलिस कांस्टेबल रांची जिला बल के लिए काम करते हैं। मगर, 23 अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी कर जब वे अपने घर वापस लौट रहे थे, तो तेज बारिश के कारण वे कुछ देर के लिए प्रेम प्रकाश के यहां ठहर गए थे। वहां के किसी स्टाफ से उनकी जान-पहचान थी, ऐसे में उन्होंने अपनी-अपनी राइफल अलमारी में रखी और चाभी अपने साथ लेकर चले गए। फिर सुबह वो दोनों हवलदार अपनी राइफल लेने प्रेम प्रकाश के घर पर पहुंचे थे, मगर उन्होंने पाया कि वहां तब तक ED की रेड शुरू हो चुकी है।
ऐसे में उस वक़्त डर के चलते उन्होंने अपनी राइफल मौके से नहीं ली। किन्तु, जांच के दौरान ED ने वो दो AK 47 जब्त भी की और उसकी पीछे की कहानी भी समझ ली। इसी कारण दोनों पुलिस कांस्टेबल को लापरवाही बरतने के लिए फ़ौरन निलंबित कर दिया गया। इस मामले पर अरोगोड़ा थाने के SHO विनोद कुमार का बयान सामने आया था। विनोद ने बताया था कि प्रेम प्रकाश के घर से बरामद हुए हथियार (AK-47) झारखंड पुलिस के आधिकारिक सुरक्षाकर्मी के हैं। जब उनसे पूछा गया कि हथियार अलमारी के भीतर क्यों रखे हुए थे, तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी।
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