मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के तीन दिन के भारत दौरे के दौरान विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। पीएम इब्राहिम ने संकेत दिया है कि यदि भारत सरकार जाकिर नाइक के खिलाफ ठोस सबूत प्रदान करती है, तो उनकी सरकार प्रत्यर्पण के अनुरोध पर विचार कर सकती है।
बीजेपी की टिप्पणी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा है कि जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की मांग भारतीय हितों को ध्यान में रखकर की गई है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि जाकिर नाइक का नाम दुनिया भर के आतंकवाद और आतंकवादियों के साथ जुड़ा है। उन्होंने बताया कि कई आतंकवादी, जो अन्य देशों में पकड़े गए हैं, उन्होंने स्वीकार किया है कि वे नाइक के उपदेशों से प्रभावित हुए थे। भारत में जाकिर नाइक के खिलाफ कई केस चल रहे हैं और उन्हें भारत में लाने की मांग भारतीय सुरक्षा और हितों के मद्देनजर की जा रही है।
विदेश मंत्रालय का जवाब
मलेशियाई प्रधानमंत्री के भारत दौरे के दौरान जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की चर्चा उठी। मंगलवार को दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच महत्वपूर्ण बैठक के बाद जब विदेश मंत्रालय से इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने सीधे जवाब नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई है।
जाकिर नाइक के खिलाफ आरोप
जाकिर नाइक एक विवादित इस्लामिक उपदेशक हैं, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग और नफरत भरे भाषणों के जरिए धार्मिक कट्टरता फैलाने के आरोप हैं। वह 2016 में भारत छोड़कर चले गए थे और भारत में लंबे समय से वांछित हैं।
मलेशियाई पीएम का बयान
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दिल्ली में इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स में एक सत्र के दौरान जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर कहा कि इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए। उन्होंने बताया कि भारतीय पक्ष ने मंगलवार की वार्ता के दौरान जाकिर नाइक के मुद्दे को नहीं उठाया था।
पूर्ववर्ती मलेशियाई सरकार ने जाकिर नाइक को मलेशिया में स्थायी निवास की अनुमति दी थी। पीएम इब्राहिम ने कहा, “यदि भारतीय पक्ष इस मुद्दे को उठाता है और सबूत प्रदान करता है, तो हमारी सरकार इस पर विचार के लिए तैयार है।” जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा अभी भी दोनों देशों के रिश्तों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मलेशिया की सरकार ने साफ किया है कि यदि भारत ठोस सबूत प्रदान करता है, तो इस पर विचार किया जाएगा। लेकिन फिलहाल, इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है।
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