चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने आज शनिवार (21 अक्टूबर) को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) परीक्षा के खिलाफ एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। सीएम स्टालिन ने कहा कि अभियान के माध्यम से उनका लक्ष्य राज्य भर से 50 दिनों में 50 लाख हस्ताक्षर एकत्र करना है, जो NEET के विरोध को दर्शाता है।
बता दें कि, स्टालिन पिछले कुछ महीनों से NEET परीक्षा के आयोजन का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर परीक्षा का 'राजनीतिकरण' करने का आरोप लगाया है। NEET के विरोध में पार्टी का कहना है कि यह 'परीक्षा' सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इस बात पर जोर देती है कि यह परीक्षा केवल शहरी छात्रों और कोचिंग सेंटरों तक पहुंच रखने वाले लोगों के पक्ष में है। तमिलनाडु की सत्तारूढ़ DMK का वर्तमान विरोध स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस साल 20 सितंबर को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को सभी श्रेणियों में NEET PG 2023 के लिए क्वालीफाइंग परसेंटाइल के लिए कट-ऑफ को "शून्य" तक कम करने का निर्देश देने के बाद आया है।
अगर पार्टी परीक्षा के विरुद्ध वांछित संख्या में हस्ताक्षर एकत्र करने में सफल हो जाती है, तो वह दस्तावेज़ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज देगी। कार्यक्रम की शुरुआत DMK युवा विंग के सचिव और सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने की, जिन्होंने कहा कि, "NEET से NEP तक, फासीवादी हमारे शिक्षा के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रहे हैं। हम लगातार उनसे लड़ रहे हैं। मैं उन्हें चेतावनी जारी कर रहा हूं।" अपने पिता की कैबिनेट में मंत्री उदयनिधि ने केंद्र सरकार से कहा है कि यदि आप NEET पर प्रतिबंध लगाने की हमारी मांग को नजरअंदाज करते रहे तो तमिलनाडु में जल्लीकट्टू जैसा सामूहिक विरोध प्रदर्शन होगा।
इसके अलावा, DMK नेता उदयनिधि ने पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी की AIADMK सहित अन्य पार्टियों से हस्ताक्षर अभियान में भाग लेने का आग्रह किया है। उदयनिधि ने कहा कि, "AIADMK का कहना है कि वे तमिलनाडु के अधिकारों की रक्षा के लिए भाजपा गठबंधन से बाहर आए हैं। इसलिए मैं उनसे भी अभियान का हिस्सा बनने का अनुरोध करता हूं।"