उज्जैन में शिप्रा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए खान डायवर्शन योजना बनाई गई है. सिंहस्थ 2016 के समय तो शिप्रा नदी स्वच्छ नजर आ रही थी, लेकिन अब खान नदी का पानी शिप्रा में मिलने की समस्या सामने आ रही है. जलकुंभी के फसने से खान डायवर्शन योजना चोक हो रही है. इस कारण पानी रिसकर शिप्रा में मिल रहा है. हालांकि शिप्रा शुद्घिकरण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन स्थिति सुधरने की जगह और खराब नजर आ रही है.
अब शिप्रा नदी को स्वच्छ बनाये रखने के लिए जल संसाधन विभाग कोशिश कर रहा है. इसके तहत मांगलिया, देवास, और सांवेर पर शिप्रा नदी के किनारे स्थापित उद्योग मालिकों को निर्देश भी दिया जाएगा कि वे अपने यहां ट्रीटमेंट प्लांट अवश्य लगाएं, जिससे कि शिप्रा में ट्रीट किया हुआ पानी ही आ सके.
शिप्रा नदी को साफ-स्वच्छ करने के लिए जलकुंभी निकाली जाएगी और गाद भी हटाई जाएगी. इससे पानी साफ रह सकेगा. नदी किनारे वन विभाग के माध्यम से ऐसे पौधे लगाए जाने की तैयारी है जो पानी को संग्रहित कर सकने वाले होंगे. इस योजना के अमल में आने के बाद शिप्रा नदी में जलस्तर अच्छा बना रहेगा और इससे नदी का प्रदूषण भी दूर हो जाएगा.
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