नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में नए राष्ट्रपति का आगमन 25 जुलाई के करीब होगा। इसके पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हलचल मच रही है। हालात ये हैं कि सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने अपने प्रत्याशियों को लेकर मैदान में नज़र आ रहे हैं। जहां एनडीए के खेमे में प्रत्याशी को लेकर तैयारी चल रही है वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विभिन्न दलों द्वारा विपक्ष के प्रत्याशी को लेकर बैठक होना है। मगर इसी बीच मौजूदा राष्ट्रपति ने कहा है कि वे इस चुनावी दौड़ में शामिल नहीं हैं। वाणिज्य मंत्रालय में दो को विदेश मामले के मंत्रालय में भेज दिया गया है।
महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यह बात साफतौर पर कही और संकेत दिया कि वे राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल में भागीदारी नहीं करेंगे। उनका कहना था कि उनके कार्यकाल की समाप्ति में करीब दो माह का समय शेष है। मगर अब वे चुनाव में दोबारा प्रत्याशी के तौर पर भागीदारी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने मेरे साथ कार्य किया उन्हें मैं उनके मंत्रालयों और विभागों में भेज रहा हूं।
राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पाॅल को नीदरलैंड में राजदूत नियुक्त किया गया था। उन्हें विदाई दी गई थी इसके लिए उन्हें टी पार्टी दी गई। राजमणि आगामी माह नीदरलैंड में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। दरअसल ओमिता पाॅल प्रेसिडेेंट की प्रेस सचिव थीं। हालांकि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विभिन्न दलों की आमसहमति बनाना काफी कठिन है। जहां कुछ नेताओं ने आगामी बैठक में भागीदारी की बात कही है तो कुछ इसमें शामिल नहीं हो पाऐंगे। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नेताओं को भोज के माध्यम से सहमत करवाने में जुटी हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की बैठक 26 को
शरद पवार ने ठुकराया सोनिया का राष्ट्रपति प्रत्याशी बनने का ऑफर
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की एकजुटता नहीं आई रास, तो हो रही छापामार कार्रवाईयां