भारत पहुंचे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति, गणतंत्र दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि

भारत पहुंचे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति, गणतंत्र दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि
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नई दिल्ली: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो आज कर्तव्य पथ पर भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह ऐतिहासिक पल भारत और इंडोनेशिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को दर्शाता है। खास बात यह है कि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो ने भी हिस्सा लिया था। राष्ट्रपति प्रबोवो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं। 

इस साल की परेड में इंडोनेशिया से 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड टुकड़ी भी हिस्सा ले रही है। यह पहली बार है जब इंडोनेशिया की सैन्य टुकड़ी किसी अन्य देश के राष्ट्रीय दिवस परेड में शामिल हो रही है। भारत और इंडोनेशिया के बीच एक सहस्राब्दी से भी अधिक पुराने सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध हैं। दोनों देशों की नजदीकी का प्रतीक वार्षिक बाली यात्रा उत्सव है, जो ऐतिहासिक भारतीय नाविकों की बाली यात्राओं की याद दिलाता है। 

आसियान क्षेत्र में इंडोनेशिया, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 29.40 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। इसके अलावा, भारत ने इंडोनेशिया में बुनियादी ढांचे, बिजली, कपड़ा, खनन और अन्य क्षेत्रों में 1.56 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। हाल ही में इंडोनेशिया ने ब्रिक्स समूह का सदस्य बनने के लिए भारत के समर्थन की सराहना की है, जो दोनों देशों के बढ़ते संबंधों को और मजबूती प्रदान करता है। 

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र और आर्थिक सहयोग जैसे विषयों पर बातचीत की। बैठक में पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष भोज के दौरान राष्ट्रपति सुबियांटो का स्वागत किया और उनका भारत आकर गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर को 1950 में राष्ट्रपति सुकर्णो की भारत यात्रा से जोड़ते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच लंबे और मजबूत संबंधों का प्रतीक है। भारत और इंडोनेशिया की इस साझेदारी ने न केवल ऐतिहासिक संबंधों को फिर से जीवंत किया है, बल्कि भविष्य में रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने का रास्ता भी खोला है।

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