जकार्ता: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो इस बार भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारत और इंडोनेशिया के बीच हुई उच्चस्तरीय बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रपति प्रबोवो भारत से सीधे पाकिस्तान जाने का अपना कार्यक्रम फिलहाल स्थगित करेंगे। पहले खबरें थीं कि गणतंत्र दिवस समारोह के बाद प्रबोवो पाकिस्तान का दौरा करेंगे, लेकिन भारत की आपत्ति के बाद अब वह मलेशिया की यात्रा करेंगे।
राष्ट्रपति प्रबोवो का यह शेड्यूल बदलाव इस बात की पुष्टि करता है कि वह गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। गौरतलब है कि यह तीसरी बार है जब किसी इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया है। भारत हर साल गणतंत्र दिवस पर विश्व नेताओं को आमंत्रित करता है। 2024 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि थे, जबकि 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी इस समारोह में शामिल हुए थे। 2018 में तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो भी गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे, लेकिन उसके बाद वह भारत से सीधे पाकिस्तान चले गए थे, जिसे लेकर भारत में सवाल उठे थे। इस बार ऐसी किसी स्थिति से बचने के लिए भारत ने इंडोनेशिया के साथ विशेष बातचीत की, जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया है।
इतिहास में झांके तो गणतंत्र दिवस पर सबसे पहले मुख्य अतिथि के रूप में 1950 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो ने शिरकत की थी। इसके बाद से भारत और इंडोनेशिया के संबंधों में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं। कोरोना महामारी के कारण 2021 और 2022 में गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी अतिथि शामिल नहीं हुआ था। हालांकि, अब एक बार फिर इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए विश्व नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। राष्ट्रपति प्रबोवो की मौजूदगी से भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।