नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा भी तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी गई है और इस मंजूरी के साथ ही देश में तीन तलाक कानून 19 सितबंर, 2018 से लागू मन जाएगा. आपको जानकारी के लिए बता दें, मंगलवार को राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास हुआ था और इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा था, जहां राष्ट्रपति ने भी इस पर मंजूरी प्रदान कर दी है.
दो दिन पूर्व लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीन तलाक बिल पास कर दिया गया था. बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े थे और उसके बाद इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. बता दें कि इससे पहले राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव वोटिंग के बाद गिर गया था. प्रस्ताव के पक्ष में 84 और विपक्ष में 100 वोट इस दौरान पड़े थे और इस बिल का विरोध करने वाली कई पार्टियां वोटिंग के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट भी कर गई थीं. इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान भी शामिल किया गया है.
तीन तलाक देने पर ये हैं प्रावधान...
1. मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो इसे अपराध की श्रेणी में माना जाएगा.
2. तीन तलाक देने पर पत्नी खुद या फिर उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा पाएंगे.
3. महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल की माने तो एक समय में तीन तलाक देना अपराध है और इसलिए पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है.
4. एक ही समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों भी हो सकता है. मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिल सकेगी.
5. कहस बात यह है कि मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बिना तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे सकेंगे.
6. साथ हे यह भी प्रावधान है कि तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चों के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो कि पति को देना पड़ेगा.
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