नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए सरकार की ओर से भाजपा द्वारा तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाने की घोषणा के साथ ही राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की हलचल तेज हो गई है. समिति सदस्य गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली और सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू राजनीतिक पार्टियों से राष्ट्रपति उम्मीदवारी पर चर्चा कर सहमति बनाने के प्रयास करेंगे. जबकि दूसरी ओर राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की समिति भी बन गई है. जिसकी कल बुधवार को पहली बैठक होगी.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रत्याशी के चयन पर गत 26 मई को कांग्रेस सहित 17 विपक्षी दलों ने आम सहमति का दांव चलते हुए गेंद सत्ता पक्ष के पाले में डाल दी थी. तब सरकार ने कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन कल सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उम्मीदवारी पर राजनीतिक दलों से वार्ता के लिए वरिष्ठ मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति बनाकर जवाबी दांव चल दिया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यह समिति सरकार की बजाय भाजपा की ओर से बनाई गई है.तीन मंत्रियों की यह समिति एनडीए के घटक और समर्थक दलों के साथ ही विपक्षी दलों से भी राष्ट्रपति उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने की संभावनाएं तलाशेंगी.
आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना 14 जून को जारी होने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भी शुरू हो जाएगा. खास बात यह है कि सरकार की ओर से अभी तक संभावित उम्मीदवार को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया है. उम्मीदवारी को लेकर सत्ता पक्ष के अब तक के रहस्य पर सियासी गलियारों में उत्सुकता है.वहीं विपक्षी दल भी इसी कारण अपना अगला राजनीतिक कदम उठाने में हिचकिचा रहे है. हालांकि राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी और रणनीति पर विपक्ष की समिति की बुधवार को बैठक हो रही है.
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