अक्सर आपने सफर करते समय देखा होगा कि बस या ट्रैन में मौजूद काफी लोगों को सफर के दौरान घरबराहट या उल्टियां आने लगती है. आप सोचते होंगे की शायद बिमारी की वजह से ऐसा हुआ होगा लेकिन दरअसल इस बला का नाम मोशन सिकनेस है. गाडी के चलने से जब हमारे दिमाग को कान, त्वचा और आंख से अलग-अलग सिग्नलमिलते हैं तो यह हमारे दिमाग सेंट्रल नर्वस सिस्टम को उलझन में डाल देता है जिसकी वजह से घबराहट या उल्टियाँ आने का मन करता है.
सफर करते समय पढने और लिखने से हमेशा बचे. साथ ही जितना हो सके उतना सीधा देखे. जो लोग खिड़की के बाहर ज्यादा देखते है उन्हें अक्सर ज्यादा घबराहट होती है. बच्चों और महिलाओं में यह अधिक देखने को मिलता है. सिर्फ बस या कार में ही नहीं , इसका प्रभाव रेल , हवाई जहाज या नाव आदि में यात्रा करते समय तथा मेले में लगने वाले झूले में झूलने से भी पड़ सकता है. किसी भी सफर से पहले तला-भुना या मसालेदार भोजन नहीं देना चाहिए.
अगर सफर कम समय का है तो बच्चो को खाना न खिलाएं. अगर सफर लंबा है या भूख लगी है तो पसंद के फल, ड्रिंक्स या ड्राई क्रैकर जैसे हल्के स्नैक्स दिए जा सकते हैं. सफर लंबा हो तो कुछ देर नीचे उतरकर थोड़ी चहलकदमी करने , ठंडा पानी आदि पीने और गहरी लंबी सांसे लेने से आराम मिलता है. खट्टे मीठे चूर्ण जैसे अनारदाना चूर्ण या अदरक पाचक आदि खाने से भी सफर में जी घबराना मिटता है. मोशन सिकनेस से निजात पाने के लिए दवाइयां भी आती हैं जिन उपयोग आप डॉक्टर की सलाह के बाद कर सकते हैं.
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