'पिछली सरकारों को बॉर्डर पर लगता था डर', कैलाश दर्शन कर बोले PM मोदी, उत्तराखंड को दी 4200 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात

'पिछली सरकारों को बॉर्डर पर लगता था डर', कैलाश दर्शन कर बोले PM मोदी, उत्तराखंड को दी 4200 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात
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देहरादून: बृहस्पतिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 दिन का उत्तराखंड का दौरा किया। यहां उन्होंने सबसे पहले पिथौरागढ़ में कैलाश व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए। फिर भारत-चीन बॉर्डर से सटे गुंजी गांव गए। बाद में अल्मोड़ा में जागेश्वर धाम पर माथा टेका। दिन के आखिर में प्रधानमंत्री ने पिथौरागढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- हमने सीमावर्ती गांवों को अंतिम नहीं, बल्कि देश के पहले गांव के तौर पर विकसित करना आरम्भ किया है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत, ऐसे ही सीमावर्ती गांवों का विकास किया जा रहा है। वही ये काम पहले की सरकारों द्वारा भी किया जा सकता था। मगर पहले की सरकारों ने इस डर से बॉर्डर एरिया का विकास नहीं किया कि कहीं शत्रु इसका लाभ उठाकर अंदर ना आ जाए। आज का नया भारत, पहले की सरकारों की इस डरी हुई सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है।​​​​​​​

प्रधानमंत्री ने प्रातः 9 बजे पिथौरागढ़ में कैलाश व्यू पॉइंट से आदि कैलाश के दर्शन किए। यह व्यू पॉइंट जोलिंगकोंग क्षेत्र में है जहां से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। इसके लिए अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना की। यहां से 20 किलोमीटर दूर चीन की सीमा शुरू हो जाती है। नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने उत्तराखंड से लगी भारत-चीन सीमा पर आदि कैलाश पर्वत का दर्शन किया। कैलाश दर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड में धारचूला से 70 किलोमीटर दूर और 14000 फीट ऊपर बसे गुंजी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। यह गांव अगले दो वर्षों में बड़े धर्म नगर शिव धाम के रूप में विकसित हो जाएगा। कैलाश व्यू प्वाइंट, ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों का धारचूला के पश्चात् यही सबसे बड़ा और अहम पड़ाव होगा। यहां बड़े यात्री निवास, होटल बनेंगे।

भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क भी मिलेगा। गांव में होम स्टे बढ़ाए जाएंगे। गुंजी व्यास घाटी की उस सुरक्षित जमीन पर है, जहां न भूस्खलन का खतरा है और न ही बाढ़ का। अभी यहां 20 से 25 परिवार ही रहते हैं, जो बमुश्किल अपना खर्च चला पाते हैं। पिथौरागढ़ कलेक्टर रीना जोशी ने बताया- गुंजी के दाएं तरफ से नाभीढांग, ओम पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता जाता है, तो बाएं तरफ से आदि कैलाश और जौलीकॉन्ग का। इसलिए ये गांव कैलाश तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मुफीद है। पीएम दोपहर लगभग 1 बजे अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम पहुंचे। यहां उन्होंने शिवलिंग पर फूल तथा जल चढ़ाया फिर भगवान की आरती की। लगभग 6200 फीट की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर धाम में 224 पत्थर के मंदिर हैं। दोपहर 3 बजे प्रधानमंत्री पिथौरागढ़ में ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, सिंचाई, पेयजल, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों से जुड़ी लगभग 4200 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का इनॉगरेशन किया। 

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