दिनों दिन महंगाई ने लोगों को परेशान कर दिया है जिसमे रोजाना बढ़ते सब्जियों और फलों के दाम में लगातार बढ़ोतरी होते जा रही है. वही देश में प्याज के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे है. वही महाराष्ट्र के लासलगांव स्थित प्याज की सबसे बड़ी मंडी में इसकी कीमतों में जोरदार उछाल आ चुका है. जानकारी है कि सरकार ने लगातार बढ़ती आपूर्ति की वजह से दामों में गिरावट को लेकर भरोसा जताया था. पर इसके महज दो दिन बाद यानी बीते सोमवार को लासलगांव मंडी में प्याज की कीमतों में 10 फीसदी बढ़ चुकी है.
इतनी बढ़ी प्याज की कीमत:
सूत्रों के अनुसार प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से जनता परेशान है. सोमवार को प्याज का थोक मूल्य 55.50 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुका है. यह चार साल का शीर्ष स्तर है. जंहा इससे पहले अगस्त की शुरुआत में इसकी कीमत 13 रुपये रही. खुदरा में प्याज की कीमत 20 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 80 रुपये हो गयी है.
100 रुपये प्रति किलो हो सकती है प्याज की कीमत:
ऐसा कहा जा रहा है कि प्याज का दाम जल्दी ही 100 रुपये के स्तर को पार कर जायेगा. जंहा खुदरा बाजारों में प्याज की कीमत 70 से 80 रुपये के बीच चल रहा है. यदि बात करे पिछले तीन महीनों की तो, वही इस अवधि में थोक बिक्री में प्याज के दामों में चार गुना का इजाफ देखा जा रहा है.
इसलिए बढ़ी कीमत:
जानकारी है कि इस संदर्भ में कारोबारियों का कहना है कि बीते वर्ष प्याज का बहुत कम उत्पादन किया गया है. जिसके कारण इसमें बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बेमौसम बारिश की वजह से प्याज की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसके अतिरिक्त कारोबारियों ने सरकार की प्रतिकूल नीतियों को इसका जिम्मेदार ठहराया है. वहीं लासलगांव की कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के अध्यक्ष जयदत्त होल्कर ने बताया है कि अक्टूबर और नवंबर में बेमौसम वर्षा हुई है, जिसकी वजह से खरीफ में बोई गई फसलों को नुकसान हो गया है. वही आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सहित दक्षिण भारतीय राज्यों में बोई गई शुरुआती किस्म की प्याज आवक को नुकसान पहुंचा दिया है. यही कारण है, जिसकी वजह से बाजार में नई किस्म की प्याज आपूर्ति बढ़ गयी है.
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