नई दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश नीति के तहत पड़ोसी मुल्कों का दौरा कर वहां के राजनेताओं से हाथ मिला रहे हैं, इसी क्रम में पीएम मोदी अब रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ वुहान में अनौपचारिक बैठक करने के बाद अब पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इसी तरह की बैठक करने वाले हैं. पीएम मोदी की यह बैठक 21 मई को सोची में होगी.
पुतिन के साथ पहली बार अनौपचारिक मुलाकात का ऐलान कर भारत संभवत: यह संदेश भी देना चाहता है कि उसकी विदेश नीति किसी भी दूसरे देश की नीतियों से प्रभावित नहीं होती. मोदी और पुतिन की यह बैठक सिर्फ इन दोनों देशों के रिश्तों को देखते हुए ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि हाल के महीनों में जिस तरह से वैश्विक स्तर पर बदलाव शुरु हुए हैं उसे देखते हुए भी इसकी अहमियत बढ़ जाती है.
हाल ही में अमेरिका और रूस के बीच दूरियां बढ़ने लगी हैं, अमेरिका ने हाल ही में ईरान के साथ परमाणु करार तोड़ा है और रूस ईरान का पक्षधर है. मोदी और पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात में अमेरिका के इन दोनों कदमों से उपजी स्थिति पर विस्तार से चर्चा होने के आसार है. पीएम की इस यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति पुतिन के आमंत्रण पर पर मोदी उनके साथ अनौपचारिक बैठक के लिए शहर सोची पहुंचेंगे, जहां दोनों नेताओं के बीच रणनीतिक साझेदारी वाले द्विपक्षीय रिश्तों को ज्यादा प्रगाढ़ करने व राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं पर चर्चा होगी.
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