अमेरिका से एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है यहाँ एक व्यक्ति ने 17 वर्ष जेल में गुजारे। जेल से बाहर आने के बाद उसे 8 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। क्योंकि, तहकीकात में पता चला कि जिस अपराध के लिए के लिए वह जेल में बंद था, वो अपराध उसने किया ही नहीं था। अपराध को अंजाम देने वाला उसका हमशक्ल था। हमशक्ल के कारण अपराधी को पहचानने में गड़बड़ी हो गई। जिसके चलते निर्दोष शख्स को सजा भुगतनी पड़ी। ये मामला अमेरिका का है। व्यक्ति ने कहा है कि उसे अपनी किस्मत पर भरोसा नहीं हो रहा।
प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, 45 वर्षीय रिचर्ड जोन्स को वर्ष 2000 में डकैती के केस में जेल में हुई थी। मगर सालों तक ये नहीं पता चला कि डकैती रिचर्ड ने नहीं बल्कि उनके हमशक्ल ने की थी। जिसके चलते रिचर्ड को अपने जीवन का तकरीबन एक तिहाई वक़्त जेल में गुजारना पड़ा। हालांकि, जब पीड़ित और गवाहों को रिचर्ड के हमशक्ल रिकी अमोस की तस्वीर दिखाई गई तो मामले का खुलासा हुआ। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। एक निर्दोष वर्षों तक जेल की सलाखों में बिना कारण बंद रहा।
बताया गया कि डकैती 1999 में रिकी अमोस ने की थी। उसकी शक्ल रिचर्ड से मिलती थी। इसी के चलते पुलिस को असली अपराधी पहचानने में गलती हुई। हालांकि, रिचर्ड ने कहा कि वो घटना के समय अपनी प्रेमिका के साथ दूसरी जगह थे, मगर घटनास्थल पर साक्ष्य की कमी कि वजह से उन्हें दोषी ठहरा दिया गया। चश्मदीदों ने भी रिचर्ड को पहचानने में गलती कर दी तथा उन्हें ही डकैती करने वाला समझ लिया। जेल जाने के बाद रिचर्ड ने कई बार अपील की मगर साबित ना कर सके कि अपराध उन्होंने नहीं बल्कि रिकी अमोस ने किया था। इस बीच मिडवेस्ट इनोसेंस प्रोजेक्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ Kansas स्कूल ऑफ लॉ ने रिचर्ड के केस की तहकीकात की। अपनी जांच के जरिए उन्होंने पता लगाया कि रिचर्ड का हमशक्ल रिकी भी उसी जेल में बंद था जिसमें रिचर्ड बंद थे। रिकी दूसरे मामले में जेल गया था। ये पता चलने के पश्चात् डकैती की पीड़ित महिला और चश्मदीदों को रिकी व अमोस रिचर्ड से आमना-सामना कराया गया। दोनों की शक्ल इतनी मिलती-जुलती थी कि लोग दंग रह गए। इस प्रकार रिचर्ड की रिहाई हुई तथा उसे बेकसूर करार दिया गया। 2017 में जेल से रिहा होने के पश्चात् रिचर्ड को मुआवजे के रूप में 8 करोड़ रुपए दिए गए।
गवर्नर को हत्या की धमकी देने वाले DMK नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति को पार्टी ने किया निलंबित
'रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाकर दिखाएं...', नितीश कुमार को चिराग पासवान का चैलेंज