रांची: झारखंड के हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कैदी वार्ड में भर्ती कैदी शाहिद अंसारी ने रविवार रात सुरक्षा में तैनात हवलदार चोहन हेम्ब्रम की हत्या कर दी और फरार हो गया। शाहिद अंसारी, जो जेपी केंद्रीय कारा हजारीबाग में उम्रकैद की सजा काट रहा था, को धनबाद से यहां इलाज के लिए लाया गया था। उसके खिलाफ हत्या और पॉक्सो के गंभीर आरोप थे, जिनमें धनबाद के सुदाम डीह और पाथरडीह की घटनाएं शामिल हैं।
शाहिद अंसारी को 25 जुलाई को हजारीबाग के इस अस्पताल में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था, जहां वह ड्रॉप फुट की शिकायत के चलते भर्ती था। डॉक्टरों ने उसे एमआरआई के लिए रिम्स भेजने का फैसला किया था। रविवार रात उसने हवलदार पर लोहे की रॉड से हमला किया, जिससे हवलदार बेहोश हो गए, और फिर स्लाइन चढ़ाने वाली पाइप से उनका गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शाहिद ने हवलदार की जेब से हथकड़ी की चाबी निकाली और फरार हो गया। घटना के बाद इलाके में फरार शाहिद अंसारी की तलाश के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। शाहिद अंसारी धनबाद का रहने वाला है और उस पर पहले भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और उसका संबंध धनबाद के प्रिंस गिरोह से बताया जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
हजारीबाग एसपी और एसडीओ ने इस घटना पर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन एसपी ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। फुटेज में दिखा कि शाहिद अंसारी घटना को अंजाम देकर बाहर निकल रहा है, लेकिन उस समय बाहर कोई सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं था। यह पहली बार नहीं है जब इस अस्पताल से कोई कैदी फरार हुआ है, जिससे यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। जब कैदी फरार हो रहा था, तो एक दिव्यांग मरीज ने उसे भागते देखा और वार्ड ब्वॉय को सूचना दी। शाहिद आई हॉस्पिटल तक पैदल भागा, और उसके बाद वह गायब हो गया, संभवतः अपने साथियों के साथ फरार हो गया। घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था की खामियां उजागर हुई हैं, क्योंकि कैदी वार्ड में रात में केवल एक सुरक्षाकर्मी तैनात था, और बाहर कोई विशेष सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी।
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