भारत में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वही, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सूबे की जेलों से 3,000 से अधिक विचाराधीन और सजाकाट रहे कैदियों को मुक्त किया जा रहा. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के जेल विभाग के मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने दी.
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इस मामले को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार मुक्त किया जा रहा है. सोमवार को 60 जेलों के 3,076 कैदियों को मुक्य करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. जेल मंत्री ने कहा कि देश में चल रहे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन कर उन लोगों को अपने-अपने घर भेजा जा रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मुक्त होने वाले कैदियों में 2,059 विचाराधीन कैदी शामिल हैं जिन्हें अंतरिम जमानत दी गई है. इसके अलावा सजाकाट रहे 1,017 कैदियों को तीन महीने के पैरोल पर भी मुक्त किया जा रहा है. विश्वास ने कहा कि जेलों में जिस संख्या में कैदी बंद हैं ऐसे में वहां सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन कराना असंभव कार्य है. क्योंकि एक-एक जेल में 2000 कैदी है. मंत्री ने कहा कि कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रत्येक जेलों के कैदियों को अलग-अलग वाहन से घर पहुंचाया जा रहा है. अगले चार-पांच दिनों के भीतर सभी कैदियों को घर तक पहुंचा दिया जाएगा.
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