जबलपुर से कार्तिक गुप्ता की रिपोर्ट
ब्यूरो: जिन हाथों की वजह से कभी किसी घर में अंधेरा हुआ होगा आज वही हाथ घरों को रोशन करने के लिए जुटे हुए हैं। जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल प्रशासन ने लघु उद्योग के जरिए बंदियों को एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है और अब वही बंदी एलईडी बल्ब बना रहे हैं जो बाजार में मिलने वाले एलईडी बल्ब से भी सस्ते में बेचे जायेगे
आपको बता दे की नामी कंपनियों के महंगे एलईडी बल्ब को टक्कर देने के लिए जल्द ही बाजार में जेल के अंदर बंदियों द्वारा बनाए गए एलईडी बल्ब आने वाले है। जिसकी अनुमानित कीमत 85 रुपये होगी। बंदियों ने जेल के लघु उद्योग लगाकर नौ वाट के एलईडी बल्ब तैयार किए हैं। जिनका परीक्षण भी सफल हो गया है। फिलहाल इस बल्बों का इस्तेमाल संभाग के सभी जेलों में किया जा रहा है।
जल्द ही बाजार में भी बेचा जाएगाबनेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल में जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के निर्देश पर 38 बंदियों ने आइटीआई के प्रशिक्षित विशेषज्ञों से एलईडी बल्ब बनाने की तकनीक सीखी। कई दिनों के प्रशिक्षण और कड़ी मेहनत से बंदियों ने एलईडी बल्ब के निर्माण की कला में महारथ हासिल कर ली। इसके बाद जेल प्रशासन द्वारा भोपाल से एक कंपनी के माध्यम से एलईडी बल्ब बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बुलवाई। सामग्री बंदियों तक पहुंचाई गई। विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में बल्ब बनाने में प्रयोग आने वाली मशीन मंगाई गई। जरुरत की सभी सामग्री एकत्रित होने के बाद बंदियों ने जेल के कारखाने में ही मशीन लगाई और एलईडी बल्ब का निर्माण शुरू कर दिया गया है ।
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