मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि, 'केंद्र ने शीतकालीन सत्र रद्द कर दिया है. मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि रूस और भारत केवल दो ऐसे देश हैं, जिन्होंने संसदीय सत्र को रद्द कर दिया है. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है. यदि विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, यदि चुनावी रैलियां हो सकती हैं..तो शीतकालीन सत्र भी बुलाना चाहिए था. यह तानाशाही है और कुछ नहीं. पृथ्वीराज चव्हाण ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र ने इन कृषि कानूनों को इतनी जल्दीबाजी से क्यों पास किया है? उन्हें इसे पारित करने के लिए वक़्त निकालना चाहिए था.
चव्हाण ने आगे कहा कि पंजाब और हरियाणा को इस हड़ताल की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा है. किन्तु इस विरोध के लिए कौन जिम्मेदार है? किसान ऐसा क्यों कर रहे हैं? हड़ताल से इकॉनमी प्रभावित हो रही है. बहरहाल, कोरोना महामारी का हवाला देते हुए इस दफा संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जा रहा है. यह बहुत समय बाद हो रहा है जब संसद का कोई सत्र नहीं हो रहा है. इसी मुद्दे पर बीते दिनों लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसदीय मंत्री को चिट्ठी लिखी थी.
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