वाशिंगटन : 30 मई की तारीख अंतरिक्ष के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गई है. प्राइवेट कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) का स्पेसक्राफ्ट (क्रू ड्रैगन) अमेरिका के जॉन एफ केनेडी स्पेस सेंटर से नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के लिए निकल गया है. अंतरिक्ष के इतिहास में ऐसा पहली दफा है, जब किसी प्राइवेट कंपनी का स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आर्बिट में जा रहा है.
स्पेसक्राफ्ट की लांचिंग अमेरिका के समयानुसार शनिवार दिन में 3 बजकर 22 मिनट पर, और भारतीय समयानुसार शनिवार आधी रात के बाद बारह बजकर 52 मिनट पर की गई है. इसके अंदर दो अंतरिक्ष यात्रियों की इंटरनेशनल स्पेस सेंटर तक पहुंचने की यात्रा 19 घंटे की है. इस मिशन ने कॉमर्शियल स्पेस फ्लाइट की दिशा में नए युग का आगाज़ कर दिया है. माना जा रहा है कि यह मिशन स्पेस की व्यावसायिक यात्राओं की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. इस मिशन की विशेष बात यह भी है कि नौ वर्ष बाद अमेरिका की धरती से अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा गया है. इस मिशन को लॉन्च अमेरिका नाम दिया गया.
इससे तीन दिन पहले मौसम के साथ ना देने के कारण नासा ने इसकी लॉन्चिंग टाल दी थी. बारिश, बादलों और आसमान में बिजली चमकने के चलते इस मिशन को लॉन्चिंग से 17 मिनट पहले रोक देना पड़ा था. तूफानी मौसम के कारण वातावरण इतना खराब था कि नासा के दो अंतरिक्षयात्रियों डग हर्ले और बॉब बेनकेन को खतरा हो सकता था. नासा एडमिनिस्ट्रेशन मिशन को टालते हुए कहा था कि हमारे क्रू मेंबर की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
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