नई दिल्ली. भारतीय सेना में सुधार करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. मंत्रालय ने निजी क्षेत्र को भारतीय सेना के लिए आठ चयनित हथियारों का विनिर्माण करने की अनुमति दे दी. मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय का लक्ष्य सेना की आयात पर निर्भरता को कम करना और हथियार विनिर्माण की स्वदेशी क्षमता को बढ़ावा देना है. इससे देश के भीतर ही हथियारों की आपूर्ति तेज करने में मदद मिलेगी.
मंत्रालय ने कहा कि इस निर्णय का लक्ष्य सेना की आयात पर निर्भरता को कम करना और हथियार विनिर्माण की स्वदेशी क्षमता को बढ़ावा देना है. इससे देश के भीतर ही हथियारों की आपूर्ति तेज करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘देश में हथियार निर्माण उद्योग की क्षमता को विकसित करने के दीर्घकालीन लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने भारतीय निजी क्षेत्र को भारतीय सेना के लिए आठ चयनित हथियारों के विनिर्माण की अनुमति दे दी है.’’
बता दे कि सेना इस समय हथियारों की भारी कमी से जूझ रही है. फिलहाल देश में विभिन्न आयुध निर्माण कारखाने सेना को हथियार की आपूर्ति करते हैं. सरकार ने छह माह पहले ही निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनियों को विदेशी रक्षा कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने की अनुमति दी थी. इनके तहत वह विमान, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी और अन्य युद्धक टैंकों का भारत में निर्माण कर सकते हैं.
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