नई दिल्ली: एयर इंडिया के निजीकरण के अपने प्रस्ताव के मद्देनज़र सरकार ने कंपनी में व्यापक स्तर पर सभी नियुक्तियों और पदोन्नतियों को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं. केवल कुछ नई उड़ानें आरंभ की जा सकती हैं, वह भी बहुत आवश्यक होने पर और व्यावसायिक स्तर पर फायदेमंद दिख रही हो तभी.
एक आधिकारिक सूत्र ने प्रेस वालों को बताया है कि, "यह निर्देश तक़रीबन एक हफ्ते पहले आया है. इसके मुताबिक, आगामी निजीकरण को देखते हुए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जाएगा. इसके तहत नियुक्तियां और पदोन्नति पर भी रोक लगा दी जाएगीं." यह निर्देश निवेश तथा जन संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने जारी किया है. अपने पिछले कार्यकाल में बोली लगाने वाले को ढूंडने में विफल रही मोदी सरकार, अपने दूसरे कार्यकाल में एयर इंडिया को निजी हाथों में देने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है.
सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया में फैसला लेने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) को दोबारा से गठन किया गया है. कंसल्टिंग फर्म ईवाई पहले से ही निजी बोली लगाने वालों को निमंत्रित करने के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन को अंतिम रूप देने के लिए कार्य कर रही है. एयर इंडिया के एक उच्च अधिकारी ने बताया है कि, "इस बार, विनिवेश को लेकर कोई संशय नहीं है. जिस रफ़्तार से चीजें हो रही हैं, विमानन कंपनी का मालिकाना हक किसी प्राइवेट कंपनी के पास पहुंच जाएगा."
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