नई दिल्लीः कांग्रेस में चल रही अध्यक्ष पद को लेकर संकट के बीच राहुल गांधी अपने इस बात पर टिके हुए हैं कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नहीं होगा, वहीं उनकी बहन प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। पार्टी के बुजुर्ग व वरिष्ठ नेताओं एवं युवा नेताओं के बीच जारी जोर-आजमाइश के बीच कांग्रेस बिना अध्यक्ष के चल रही है।
पार्टी के सीनियर नेता प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में मजबूती से डटें हैं,वहीं युवा नेताओं का एक तबका राहुल गांधी के प्लान का सपोर्ट कर रहा है। राहुल भले ही परिवार के किसी सदस्य को अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ हैं, लेकिन प्रियंका के सोनभद्र शो ने पार्टी और पार्टी से बाहर कई लोगों के दिल जीत लिए हैं।
.सोनिया गांधी के इर्द-गिर्द रहने वालों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के सक्रिय होने के बाद उन्हें एक विनर मिल गया है। परंतू राहुल को यह स्वीकार्य नहीं है। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने प्रियंका गांधी का समर्थन किया है। अमरिंदर सिंह ने सोमवार को बताया कि प्रियंका गांधी बिल्कुल सही विकल्प होंगी, लेकिन निर्णय कांग्रेस कार्यकारिणी को लेना है।
सिंह ने कहा कि, 'प्रियंका अगले अध्यक्ष के लिए एक शानदार विकल्प हैं, जिन्हें सभी का समर्थन मिलेगा। शशि थरूर से सहमत हूं कि उनका स्वाभाविक करिश्मा कार्यकर्ताओं एवं मतदाताओं को समान रूप से प्रेरित करेगा। आशा है सीडब्ल्यूसी इस पर तुरंत निर्णय करेगा।' प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ पूरी तरह सक्रिय और वह प्रतिदिन सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हमले बोल रही हैं।
कई नेताओं के मुताबिक, कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी से पार्टी का नुकसान हो रहा है, जो अभी अध्यक्ष विहीन है। नेता न होने से लोगों के मन में शक पैदा हुआ है एवं हाईकमान से राज्य नेतृत्व को स्पष्ट दिशानिर्देश न मिलने के कारण ही कांग्रेस एक महत्वपूर्ण दक्षिणी राज्य कर्नाटक की सत्ता हाथ से गंवा बैठी।
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