मिर्जापुर: सोनभद्र नरसंहार ने शुक्रवार को तब और तूल पकड़ लिया, जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के लिए सोनभद्र जा रही था और उन्हें नायरणपुर में रोक कर मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में ले जाया गया, जहां वह कल दोपहर से ही धरने पर बैठी हुई हैं. जानकारी के अनुसार, प्रियंका गांधी रात भर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठी रहीं.
वहीं मामला बढ़ता देख आनन-फानन सोनभद्र के डीएम ने उभ्भा गांव और आस-पास के इलाकों में अगले दो माह के लिए धारा 144 लागू कर दी है. उधर प्रियंका वाड्रा बार-बार एक ही बात कह रही हैं कि मैं पीड़ित परिवारों से मिले बगैर वापस नहीं जाऊंगी. देर रात गेस्ट हाउस में बिजली गुल हो गई थी और कांग्रेस कार्यकर्ता इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार बता रहे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओ का आरोप है कि प्रशासन प्रियंका और अन्य कार्यकर्ताओं को परेशान करना चाहता है, ताकि हम लोगों यहां से लौट जाए. किन्तु हम मोमबत्तियों के साथ यहां रात गुजारेंगे और अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
वहीं प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूँ। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है।' एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा है कि 'उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’।'
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